फिर मेरा थोड़ा सा प्रॉब्लम दूर हुआ, फिर बात यह हुई कि इतना में बच्चे कैसे पढ़ेंगे। फिर मेरे घर यानी कि मायका वहाँ पे सब एकत्र हुए थे। जब मुझे ज़मीन मिला था, तब यह हुआ कि चलो मोना को कुछ तो मिल गया, और कुछ मेरा भाई कर दे। सब लोग में मेरी दो बहन थी, और मेरा भाई, और मेरे मम्मी-पापा। तो मेरी बहन दोनों बोली कि सूरज, तुम मोना का कुछ हेल्प कर दो। तो मेरा भाई बोला कि कैसे करें? बच्चे की ज़िम्मेदारी उठाने का तो नहीं ले सकते हैं। मोना के पास पैसा है ही नहीं। तो मॉडल स्कूल में नाम क्या दे, और सरकारी में पढ़ाने का तो ले सकते हैं, और कोई रास्ता नहीं है। हम कैसे कर दें? हम कोई बड़ा आदमी तो है नहीं। फिर मेरी बहन बोली, "नहीं सूरज, तुम ऐसे मत बोलो। तुम्हारी बहन है और तुम थोड़ा कर दो, थोड़ा हम करेंगे हेल्प।" गया कि दीदी बोली, "मोना को कमी है तो हम कर देंगे, पर सरकारी स्कूल में मत बोलो। कल को शादी भी करने में दिक्कत हो सकती है। या कुछ भी हो, इसकी चुलबुल पड़ने में तेज़ है। कुछ भी हेल्प तुम कर दो, बस तुम 1000-2000 ही कर दो।" और क्या बोले? तो मेरा भैया मुझे 2000 हर महीने देने को बोल दिया, और हर महीने 2000 भेजने लगा। ऐसे ही दिन बीता। फिर मेरी मम्मी मुझे बहुत बोलती रहती कि "तुमको भी देना है 2000।" बहुत सूरज को देखते हैं, कितना देगा हर महीने? बोलती फ़ोन करके हमेशा बोलती। तो मुझे बहुत हर्ट होता था। फिर मैं काम खोजना शुरू की। तो सबसे पहले मेरे पति को गार्ड की जॉब मिल गई मॉल में। और वो वहाँ जॉब करने लगे, तब बहुत अच्छा हो गया। मेरे पति को 9000 की लग गई जॉब, पर डर था कि वो जॉब कर ही नहीं पाए। तो पता नहीं कितने दिन करेंगे उनका। क्या पता वो काम कितने दिन कर सकते हैं? फिर मैं रोज हर दिन पैदल जाती, काम खोजती। हर दिन मैं 5 किमी पैदल जाती और आती। फिर एक दिन काम मुझे मिल ही गया। वो जॉब मिला टिफिन का, 300 लोग का टिफिन रेडी करना था। फिर भी मैं ये काम ले ली और जाना शुरू की। तो मेरे रूम से 5 किमी दूर थी। मैं बोली कि मुझे रोज आने-जाने का किराया चाहिए। तो वो बोला, "ठीक है।" वो मुझे रोज 10 आने का और 10 जाने का दिया करता। तो मैं तो टिफिन बनाने का काम ले ली, पर उसको टिफिन धोने वाली भी चाहिए थी – कोई भी लड़का-लड़की। तो मैं अपने ही पास से एक लेडी को ले ली, वो टिफिन धोती। फिर एक और लेडी ले ली, वो मेरी हेल्प करती चॉपिंग करने के लिए। वो लोगों को भी वही पैसा देता, पर मैं ले गई थी उनलोगों को। उसने उन्हें 3000 दिया और मुझे 5000।
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Saturday, January 25, 2025
मोना की कहानी (अध्याय 20)
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Mona Singh
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